नाम बड़े और दर्शन छोटे: EY India की 3 इकाइयों ने किया प्रोफेशनल मिसकंडक्ट, दोषी CA पर ICAI ने लगाया 3 साल का बैन और भारी जुर्माना
आपने अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा 'नाम बड़े और दर्शन छोटे'. दुनिया की Big 4 ऑडिट फर्म में से एक EY India ने भी कुछ ऐसा ही काम किया है, जिसके बारे में जानकर आप यही कहेंगे.
आपने अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा 'नाम बड़े और दर्शन छोटे'. यानी लोगों की उम्मीदों पर खरा ना उतर पाना और बहुत खराब काम करना. दुनिया की Big 4 ऑडिट फर्म में से एक EY India ने भी कुछ ऐसा ही काम किया है, जिसके बारे में जानकर आप यही कहेंगे. भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) ने अपनी जांच में पाया है कि EY India ने प्रोफेशनल मिसकंडक्ट किया है. इस एक हरकत से EY India ने सबका भरोसा तोड़ दिया है.
ICAI देश के तमाम चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सुप्रीम बॉडी है. इसने अपनी जांच में पाया कि EY India की तीन इकाइयों में प्रोफेशनल मिसकंडक्ट हुआ है यानी उनके काम में गड़बड़ियां देखने को मिली हैं. ये ऐसी ऑडिट फर्म हैं, जिनकी बात पर दुनिया आंख मूंद कर भरोसा करने लगती है, लेकिन अब ये देखने को मिल रहा है कि यह भी भरोसे के लायक नहीं हैं.
कौन सी हैं EY India की इन 3 इकाइयां?
25 अप्रैल को ICAI की तरफ से जारी किए गए ऑर्डर के अनुसार EY India की इन 3 इकाइयों के नाम हैं-
M/s. S. R. Batliboi & Associates, LLP (पूर्व में S. R. Batliboi & Associates)
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M/s. S.R.B.C & Co., LLP (पूर्व में S. R. Batliboi & Co.)
M/s. S. R. Batliboi & Co., LLP (पूर्व में S. R. Batliboi & Co.)
क्या किया है प्रोफेशनल मिसकंडक्ट?
तमाम रिपोर्ट, इनवॉइस, भुगतान और कम्युनिकेशन की जांच के बाद ICAI को पता चला है कि EY India की इन 3 इकाइयों ने ग्लोबल नेटवर्क फर्म्स को रेफरल फीस का भुगतान किया है. इन ग्लोबल नेटवर्क फर्म्स में EY Global (EYG) and EY Europe, Middle East, India और Africa (EY EMEIA) शामिल हैं और यह चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट की गाइडलाइन्स के खिलाफ है, क्योंकि यह फर्म भारत में रेगुलेटेड नहीं हैं. यह रेफरल फीस के जरिए गलत तरीके से मुनाफा साझा करने का मामला है. इतना ही नहीं, विजिटिंग कार्ड में EY के नाम, ई-मेल आईडी का इस्तेमाल भी पाया गया है.
ICAI की बिग 4 में से एक EY India के 3 एफिलिएट्स पर कड़ी कार्रवाई। क्या बाकियों को मिलेगा सबक? ICAI के दो पूर्व प्रेसिडेंट उत्तम प्रकाश अग्रवाल और जी रामस्वामी से खास चर्चा। @cauttamprakash2 @theicai @BrajeshKMZee @CaRANJEET #ICAI #EarnstandYoung pic.twitter.com/t1UZU5MtDb
— Zee Business (@ZeeBusiness) April 28, 2024
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट का उल्लंघन
EY India की इन 3 इकाइयों पर आरोप है कि उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट का उल्लंघन किया है, जिसके लिए उन्हें ICAI की तरफ से फटकार भी लगाई गई है. ICAI ने EY network के तहत उनके और वैश्विक फर्मों के बीच हुए लेनदेन के तरीके को गलत ठहराया है, जो जो देश के अंदर रेगुलेटेड नहीं हैं. जांच से यह पता चला है कि सीए राज कुमार अग्रवाल (M. No. 082028) इस प्रोफेशनल मिसकंडक्ट के दोषी है, जो इन मामलों में जवाबदेह हैं.
राज कुमार अग्रवाल पर 3 साल का बैन!
इस केस की छानबीन के बाद मिले सबूतों के आधार पर समिति ने सीए राज कुमार अग्रवाल (M. No. 082028) का नाम मेंबर्स के रजिस्टर से 3 साल तक के लिए हटाने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं, उस पर हर केस में 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे आदेश सुनाए जाने के 90 दिन के अंदर-अंदर जमा करना होगा. अगर राज कुमार की तरफ से जुर्माना चुकाने में देरी होती है या जुर्माना नहीं चुकाया जाता है तो उसका नाम मेंबर्स के रजिस्टर से आगे के भी एक साल के लिए हटा दिया जाएगा. यानी ऐसे में राज कुमार पर 4 साल का बैन लग जाएगा, जो अभी 3 साल का है.
SRBC & Co का आया जवाब
ICAI की कार्रवाई पर SRBC & Co ने जवाब देते हुए कहा है कि हमारे रिटायर्ड पार्टनर्स के खिलाफ आदेश से हमें निराशा हुई है. भारतीय ऑडिट फर्म के तौर पर हमेशा नियमों और कानूनों का पालन किया है. इसके अलावा, आदेश में कहा गया है कि ग्लोबल नेटवर्क ब्रांडिंग का इस्तेमाल करने की पुरानी प्रैक्टिस को रोक दिया जाए. ऐसी कई प्रैक्टिस आज मौजूद नहीं हैं. हम इस आदेश की समीक्षा कर रहे हैं. कानून के तहत जो भी उपाय उपलब्ध होंगे, उसके मुताबिक कदम उठाएंगे.
बिग 4 की इतनी अहमियत क्यों?
बिग 4 ऑडिट फर्म्स (EY, Deloitte, PwC, KPMG) की इतनी ज्यादा अहमियत की एक बड़ी वजह ये है कि विदेशी निवेशक बिग 4 अकाउटिंग फर्म्स को तरजीह देते हैं. साथ ही इंटरनेशनल प्रैक्टिस और ट्रेंड के लिहाज से भी यह काफी अहमियत रखते हैं. हालांकि, कई कंपनियों में गड़बड़ियों के बाद इन पर सवाल उठने शुरू हो गई हैं.
बिग 4 के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ICAI बिग 4 के कामकाज में खामियों को उठाता रहा है. सत्यम कंप्यूटर्स घोटाले के बाद से ही बिग 4 ऑडिट फर्म निशाने पर हैं. सत्यम कंप्यूटर्स की ऑडिटर बिग 4 में से एक PwC थी. IL&FS और जुड़ी कंपनियों की ऑडिटर भी बिग 4 में से थीं. 2010 में बनी ICAI कमेटी के बिग 4 पर कई आरोप लगाए थे. वह कंसल्टेंसी के नाम पर ऐसे काम करते हैं, जिसकी इजाजत नहीं है.
09:46 PM IST